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INDIA BANS TIK TOK ? IS IT RIGHT TO BAN TIK TOK ?

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Now - a - days there is a trend reached it's extreme in India i.e, to Ban Tiktok in India .  इस ब्लॉग को मैं बहुत रिसर्च करने के बाद लिख रहा हूँ  ये जो रिसर्च है वो मैंने तीन दिन में की है ,  पुरे tik tok  को अछि तरह से देखने के बाद और अब मैं जिस नतीजे पर पंहुचा हूँ मुझे लगता है आप सब भी इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद उसी नतीजे पर पहुंचोगे।   चलिए सुरु से बात करते है कैसे और कहा से टिकटोक आया।  देखिए टिकटोक पहले नहीं था और न ही किसी ने टिक टोक के नाम app बनाया था। असल में tik tok  का नाम पहले musical.ly था। जिसने बनाया था उसने इसे यह सोच कर बनाया था की लोगों का एंटरटेनमेंट होता रहेगा इस एप्लीकेशन से।  और उसकी सोच काफी सही भी थी।  जैसे ही ये application  लांच हु सब लोगो के बीच बहुत तेजी से ये app फ़ैल गया और अब इसका ये नतीजा हुआ की अगर आपके पास mobile है जिसमे आप net usekar  सकते हो तो आपके mob में musical.ly रहना अनिवार्य सा हो गया था।  धीरे धीरे पूरे विश्व में ये फ़ैल गया।  अब जब ये भारत  आया तब इसने  जो जोरर पकरी है की पूरा इतिहास ही बदल दिया।   भारत के बच्चे बच्चे के mobile में musical.l

Vocal For Local

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लोकल पर वोकल का आया नया नारा, यहां समझिए, क्या कहना चाहते हैं PM मोदी प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खास बातें PM Modi ने दिया लोकल पर वोकल का नारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की मुहिम भारतीय प्रोडक्ट्स के मार्केटिंग का शानदार तरीका

CHITRA VARNAN

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मगर  मैंने इस कोट को पढ़ने के बाद इस चित्र को देखा और विचार किया तो मैंने चित्र से एक अन्य संदेश पाया  , आइए उसे जानते हैं चित्र में मातृ एवं पुत्र धर्म भी दर्शाया गया है मातृ धर्म पहले तो आप देख सकते है कि कैसे वो बच्चा अपनी मां से पूछता है कि अब कितनी दूर और जाना है । तो जैसे बचपन में हमारी मां हमें छोटी मछली को भिंडी के कर खिलाती थी और कैसे मां हमें कहानी सुनाते सुनाते दो की जगह तीन रोटियां खिला जाती थी , ठीक वैसे ही यह पर भी मां अपने बच्चे के प्रश्न का उत्तर ये कह कर देती है कि बेटा कुछ ही दूर और है लेकिन असल में अभी 200 कम बाकी हैं , यहां  भी मां हर मां के तरह अपना मातृ धर्म निभाते हुए अपने बच्चे को कम दूरी बताती है ताकि उसका बच्चा पहले ही हार ना मां जाए और आगे बढ़ता रहे क्युकी अगर वो हार मान गया तो फिर सबके लिए पेरशानी हो सकती है । और आप ये भी देख सकते है कि किस तरह मां अपने सर पर एक बड़ी से पोटली लेकर चल रहे है और हाथ में एक बच्चा और भी है और मां खाली पैर भी है लेकिन वहा आप एक चीज़ शायद नहीं देख पा रहे हो की वो मां अपने बच्चे का ( वो बच्चा जो चल था h रोड पर ) मार्गदर

Happy Mother's Day💕

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  मां के नाम जो कुछ भी लिख पाया वो आपके सामने रख रहा हूं सूरज सी ममता की गर्म धमक और चांद की ठंडी चमक होती है मां ।।💞 बच्चे की पहली शिक्षक होती है मां ❣️  प्यारी सी थप्पी और मीठी से झप्पी होती है मां अपने बच्चों का ख्याल रखने के इरादे की पक्की होती है मां ।।💞 बच्चे के सिरहाने का ताज़ होती है मां और बच्चे के हर काज़ का साज़ होती है मां।।💞 बच्चे की नादान सी हँसी ही उसकी कमाई होती है बच्चे के हर दर्द की "मां" दवाई होती है ।।💞 पता नहीं कैसे हर गम तू जान लेती है ?  मेरे हस्ते हुए चेहरे के पीछे छिपे आंसुओं को भी पहचान लेती है ।।💕 कहती है दो और चार रोटियां देती है इतना करती है वो मगर नखरे भी नहीं करती है 💞 वो स्कूल जाने के लिए अपने बच्चे को तैयार करती है और पहले पीट लेती है फिर बहुत प्यार करती है 🥺 समझ समझ के अब मैं समझा तुमसे ज्यादा मैं न कुछ समझ पाऊ ,  अब तो ही बता तुमसे ज्यादा प्यार करने वाला मैं कहां से लाऊं?? "अगर सच कहूं दोस्तों तो मां का साया ही काफ़ी है अब और क्या लिखूं यार , शब्द खत्म हो
A heart melting tribute to the Respected Doctors - One who follows the best religion and the master of all religions i.e., Humanity. We must appreciate them. वो तेरे लिए खड़ा है अपनी नींद बेच तेरी जान के लिए भिड़ा है , और तू कर रहा उस पर हमला क्या सच में तुझे लगता है वो इतना बुरा है ? तेरे लिए वो आता है तेरे जान को वहीं बचाता है और तू उसे रुलाता है क्या यही तेरी मानवता है ? वो खेल रहा है अपनी जान से ताकि तू हस्ता रहे क्या इसलिए अपना घर छोड़ा था उसने ताकि उससे तेरे अच्छे स्वभाव के लिए वो तरस्ता रहे ? तू उपासना कर ईश्वर की या दुआ मांग अपने खुदा से , मगर ये मान ले तू इस महामारी का नाता नही किसी मजहब से । संभल जा अब भी नहीं हुई है देर वरना लग जाएगा देश में लाशों का ढेर । तेरी भी मासूम से बच्ची है जो अभी तुझे बुलाने  में थोड़ी कच्ची है , तू पलट कर देख तो सही वो तेरे लिए दीवार से खड़ी चिपकी है । आखिर कब तक, मजहब के नाम पर लरता रहेगा ? और ऐसा व्यवहार करता रहेगा ? इस प्रश्न का उत्तर जिस दिन मिल गया उस दिन समझ लेना भारत फिर से सोने की चिड़िया बन गया 🙏 - ©✍️ Rounit

निहायती कुकर्मों से सुशोभित इंसान

निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान... अपने रक्षकों को स्वयं पीटते ये इंसान... कभी डॉक्टर कभी  पुलिसकर्मी बनते इनके शिकार... किस कुल के तुम पैदावार, ए बेशर्म इंसान... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान... पिता की उम्र वाले पर  हाथ अपना उठाते हैं अपने रक्षकों को पीटने पर जरा भी नहीं घबराते हैं... इसलिए तो इंसानी जत पर ये कलंक कहलाते हैं... क्यों करते हैं ये ऐसा समझ नहीं आता है अब खुद को इंसान कहने पर भी शर्म आता है... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान इंसानियत के नाम पर कलंक ये इंसान... अब तो तुझे देख भगवान भी शर्माता होगा तुझे अपनी रचना कहने पर वो भी हिचकिचाता होगा... क्यों करते हैं ये ऐसा समझ नहीं आता है अब खुद को इंसान कहने पर भी शर्म आता है... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान इंसानियत के नाम पर कलंक ये इंसान... अब तो तुझे देख भगवान भी शर्माता होगा तुझे अपनी रचना कहने पर वो भी हिचकिचाता होगा... अरे तू इंसान है  इस धरती पर तेरी जाती महान है इंसानियत के नाते हर जंग जीत न... क्यों लाता है इंसानियत की

CORONA : JUVENILE WHICH MUST NOT BE PAMPERED