CHITRA VARNAN
मगर मैंने इस कोट को पढ़ने के बाद इस चित्र को देखा और विचार किया तो मैंने चित्र से एक अन्य संदेश पाया , आइए उसे जानते हैं चित्र में मातृ एवं पुत्र धर्म भी दर्शाया गया है मातृ धर्म पहले तो आप देख सकते है कि कैसे वो बच्चा अपनी मां से पूछता है कि अब कितनी दूर और जाना है । तो जैसे बचपन में हमारी मां हमें छोटी मछली को भिंडी के कर खिलाती थी और कैसे मां हमें कहानी सुनाते सुनाते दो की जगह तीन रोटियां खिला जाती थी , ठीक वैसे ही यह पर भी मां अपने बच्चे के प्रश्न का उत्तर ये कह कर देती है कि बेटा कुछ ही दूर और है लेकिन असल में अभी 200 कम बाकी हैं , यहां भी मां हर मां के तरह अपना मातृ धर्म निभाते हुए अपने बच्चे को कम दूरी बताती है ताकि उसका बच्चा पहले ही हार ना मां जाए और आगे बढ़ता रहे क्युकी अगर वो हार मान गया तो फिर सबके लिए पेरशानी हो सकती है । और आप ये भी देख सकते है कि किस तरह मां अपने सर पर एक बड़ी से पोटली लेकर चल रहे है और हाथ में एक बच्चा और भी है और मां खाली पैर भी है लेकिन वहा आप एक चीज़ शायद नहीं देख पा रहे हो की वो मां अपने बच्चे का ( वो बच्चा जो चल था h रोड पर ) मार्गदर