Posts

Showing posts from April, 2020
A heart melting tribute to the Respected Doctors - One who follows the best religion and the master of all religions i.e., Humanity. We must appreciate them. वो तेरे लिए खड़ा है अपनी नींद बेच तेरी जान के लिए भिड़ा है , और तू कर रहा उस पर हमला क्या सच में तुझे लगता है वो इतना बुरा है ? तेरे लिए वो आता है तेरे जान को वहीं बचाता है और तू उसे रुलाता है क्या यही तेरी मानवता है ? वो खेल रहा है अपनी जान से ताकि तू हस्ता रहे क्या इसलिए अपना घर छोड़ा था उसने ताकि उससे तेरे अच्छे स्वभाव के लिए वो तरस्ता रहे ? तू उपासना कर ईश्वर की या दुआ मांग अपने खुदा से , मगर ये मान ले तू इस महामारी का नाता नही किसी मजहब से । संभल जा अब भी नहीं हुई है देर वरना लग जाएगा देश में लाशों का ढेर । तेरी भी मासूम से बच्ची है जो अभी तुझे बुलाने  में थोड़ी कच्ची है , तू पलट कर देख तो सही वो तेरे लिए दीवार से खड़ी चिपकी है । आखिर कब तक, मजहब के नाम पर लरता रहेगा ? और ऐसा व्यवहार करता रहेगा ? इस प्रश्न का उत्तर जिस दिन मिल गया उस दिन समझ लेना भारत फिर से सोने की चिड़िया बन गया 🙏 - ©✍️ Rounit

निहायती कुकर्मों से सुशोभित इंसान

निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान... अपने रक्षकों को स्वयं पीटते ये इंसान... कभी डॉक्टर कभी  पुलिसकर्मी बनते इनके शिकार... किस कुल के तुम पैदावार, ए बेशर्म इंसान... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान... पिता की उम्र वाले पर  हाथ अपना उठाते हैं अपने रक्षकों को पीटने पर जरा भी नहीं घबराते हैं... इसलिए तो इंसानी जत पर ये कलंक कहलाते हैं... क्यों करते हैं ये ऐसा समझ नहीं आता है अब खुद को इंसान कहने पर भी शर्म आता है... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान इंसानियत के नाम पर कलंक ये इंसान... अब तो तुझे देख भगवान भी शर्माता होगा तुझे अपनी रचना कहने पर वो भी हिचकिचाता होगा... क्यों करते हैं ये ऐसा समझ नहीं आता है अब खुद को इंसान कहने पर भी शर्म आता है... निहायती कुकर्मों से सुशोभित ये इंसान इंसानियत के नाम पर कलंक ये इंसान... अब तो तुझे देख भगवान भी शर्माता होगा तुझे अपनी रचना कहने पर वो भी हिचकिचाता होगा... अरे तू इंसान है  इस धरती पर तेरी जाती महान है इंसानियत के नाते हर जंग जीत न... क्यों लाता है इंसानियत की